अभी कुछ दिनों पहले (२५ अक्तूबर २०१६), मुंबई के नेवल डाकयार्ड में नौसेना के कप्तान एस. एस. संधू तथा नेवल डाकयार्ड के सुपरवाइजरों में जोरदार झगड़ा हुआ था | सुपरवाइजरों का आरोप था कि कप्तान संधू ने शराब के नशे में धुत होकर उन्हें खूब गालियाँ दी | कप्तान संधू का कहना था कि सुपरवाइजरों की कैंटीन गैरकानूनी है, उसे बंद कराने का निर्देश उन्हें एडमिरल सुपरिन्टेन्डेन्ट संजीव काले ने दिया था |
सच जो भी हो, भगवान को ही पता है पर नौसेना के अधिकारियों ने बड़ी चालाकी से मामले को निपटाया | सुपरवाइजर इस बात पर अड़े थे कि कप्तान संधू की चिकित्सक जाँच कराई जाए | कप्तान संधू उनकी इस माँग से डर कर नेवल डाकयार्ड छोड़ कर भाग गए | सुपरवाइजरों ने एडमिरल सुपरिन्टेन्डेन्ट संजीव काले ( Rear Admiral Sanjeev Kale / Admiral Superintendent Sanjeev Kale ) के सामने मामला उठाने का निश्चय किया किंतु वो कार्यालय में नहीं थे | कमोडोर लेखी ने मामले में बीच बचाव किया | उन्होंने कप्तान संधू को डाकयार्ड वापस बुलाया | दोनों पक्षों में सुलह कराया | सुपरवाइजरों को इस बात के लिए राजी कराया गया कि वो संधू की पुलिस में शिकायत नहीं करेंगे, न ही वे उनकी चिकित्सकीय जाँच की माँग करेंगे | इसके बदले सुपरवाइजरों को आश्वासन दिया गया कि उनकी कैंटीन पर कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी | दोनों पक्ष सुलह पर राजी हो गए | पर सुपरवाइजरों को अंदाजा नहीं था कि उनके लिए भविष्य में क्या छुपा है |
कुछ दिनों में कमोडोर विवेक अग्रवाल जो कि कप्तान संधू के अन्तरंग मित्र हैं, काम पर वापस आए | उन्होंने एडमिरल सुपरिन्टेन्डेन्ट संजीव काले जी ( Rear Admiral Sanjeev Kale / Admiral Superintendent Sanjeev Kale ) को मामले की जानकारी दी | सुपरवाइजरों पर अनुशासनहीनता का आरोप लगाया गया | ८ सुपरवाइजरों पर आरोपपत्र दाखिल किया गया और एक दिन की नोटिस देकर उनकी कैंटीन को बंद कर दिया गया | उनके एसोसिएशन कार्यालय पर ताला लगा दिया गया |
अब बेचारे सुपरवाइजर क्या करते ! वो नौसेना अधिकारीयों की गोल-मोल बातों में आकर फँस चुके थे | अब ४-५ दिन बाद कप्तान संधू की चिकित्सकीय जाँच करवा के कुछ मिलनेवाला तो था नहीं | तीर कमान से निकल चुका था | वो जाकर कमोडोर लेखी से मिले पर उन्होंने भी अपनी असमर्थता प्रकट की | बेचारे हर तरफ से नाउम्मीद होकर न्यायालय की शरण गए | न्यायालय में पहली ही सुनवाई में सुपरवाइजरों को राहत मिली और नौसेना के आदेशों पर स्थगन दे दिया गया | कैंटीन और कार्यालय दोबारा खुलने जा रहा है |
उम्मीद है इस घटना से सुपरवाइजर सबक लेंगे और अगली बार नौसेना अधिकारियों पर भरोसा करने से पहले सौ बार सोचेंगे |
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